Wednesday, May 6, 2009

मौसम की पहली बारिश

आज जब ऑफिस के लिए निकल रहा था तो मौसम बड़ा सुहाना था हलके हलके बादल थे और ठंडी हवा चल रही थी.... एक मन ने कहा आज नही जाते हैं ..... लेकिन काम के बोझ ने रुकने नही दिया... शाम को जब चाय पीने ऑफिस की छत पर बनी कैंटीन में गए तो देखा बारिश हो रही थी.... इस मौसम की पहली बारिश.... और एक बार फ़िर से दिल के किसी कोने में छुपा बैठा बचपन कूद कर बाहर आ गया ... मिटटी की सोंधी खुशबू मन को अजीब सी शान्ति दे रही थी..... और ठंडी ठंडी हवा थपकियाँ दे कर काम कि थकान उतार रही थी.... सच प्रकृति की गोद में अजीब सी शान्ति मिलती है बिल्कुल माँ कि गोद जैसी.... अरे प्रकृति भी तो अपनी माँ ही है न... बारिश में भीगना बहुत सारी पुरानी बातें याद दिला जाता है ..... इसीलिए ये बारिश और भी ज्यादा भली लगती है....