Saturday, August 29, 2009
सन्नाटा
शायद इसी अनुभव को बोध कहते हैं, जब हमें अपने भीतर छुपे सत्य का आभास होता है शायद यही आभास एक प्रेमी को प्रेम करने में भी होता है जब आप अनकही बातों को भी सुन लेते हैं और हवाओं में भी संगीत सुनाई देता है.... जब साथी में कोई दोष नही दीखता है ... शायद इसी लिए प्रेम को ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग बताया गया है राधा और मीरा दोनों के प्रेम अवस्था में भले ही अन्तर हो पर दोनों का लक्ष्य तो एक ही था प्रेम की परिभाषा भले ही बदल जाए पर भाव वही रहता है
Friday, August 28, 2009
गुलाब के फूल
Saturday, August 22, 2009
कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती
बच्चन साहब की ये कविता बहुत ही प्रेरणादायी है ....और हमेशा ही मेरी प्रेरणाश्रोत रही है ....
लहरों से डर कर नौका पार नही होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना गिर कर चढ़ना न अखरता है
मेहनत उसकी बेकार हर बार नही
होती कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती
डुबकियां सिन्धु में गोताखोर लगाता है
जा कर खाली हाथ लौट कर आता है
मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दूना विश्वास इसी हैरानी में
मुठ्ठी उसकी खाली हर बार नही
कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती
असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो
क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो नींद चैन की त्यागो तुम
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किए बिना ही जय जय कार नही
होती कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती