वो गुलाब के फूल,
जो चढाना चाहते हो मेरी कब्र पर ,
हो सके तो अभी दे दो
नही देख पाऊंगा उनकी सुन्दरता तब ,
न महसूस होगी उनकी खुशबू ,
शायद जरुरत ही नही होगी तब
जब मौत की सफ़ेद चादर में
लिपटी होगी जिन्दगी
चारों ओर होगी अजीब सी खामोशी
तब ये गुलाब के फूल भी
नही दे पायेंगे जिन्दगी की चमक
हो सके तो अभी दे दो
वो गुलाब के फूल
जो चढाना चाहते हो मेरी कब्र पर
nice
ReplyDeleteक्या बात है गौरव जी. बहुत ही सुन्दर.
ReplyDeletevandana ji aur yasoni ji dhanyavaad aapke samay ke liye..
ReplyDeleteGourav ji
ReplyDeleteBahot hi gahraai mein jaa kar likha hai aape ... gulaab ke fool .... sach mein kal kisme dekha ... jo milna hai aaj hi mil jaaye...kamaal