Friday, August 28, 2009

गुलाब के फूल


वो गुलाब के फूल,

जो चढाना चाहते हो मेरी कब्र पर ,

हो सके तो अभी दे दो

नही देख पाऊंगा उनकी सुन्दरता तब ,

न महसूस होगी उनकी खुशबू ,

शायद जरुरत ही नही होगी तब


जब मौत की सफ़ेद चादर में

लिपटी होगी जिन्दगी

चारों ओर होगी अजीब सी खामोशी

तब ये गुलाब के फूल भी

नही दे पायेंगे जिन्दगी की चमक


हो सके तो अभी दे दो

वो गुलाब के फूल

जो चढाना चाहते हो मेरी कब्र पर



4 comments:

  1. क्या बात है गौरव जी. बहुत ही सुन्दर.

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  2. vandana ji aur yasoni ji dhanyavaad aapke samay ke liye..

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  3. Gourav ji
    Bahot hi gahraai mein jaa kar likha hai aape ... gulaab ke fool .... sach mein kal kisme dekha ... jo milna hai aaj hi mil jaaye...kamaal

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