ऐ खुदा कैसा है तेरा इन्साफ
छोटी गलती कि इतनी बड़ी सज़ा
और पाप करने वाले को
कर दिया तूने माफ़
जो रखती तेरे कितने व्रत उपवास
छीन ली तुमने उस से जीने कि आस
नही चाहा उसने किसी का बुरा
उसके सपनो को तुमने
क्यों रहने दिया अधूरा
लोगों के विश्वास से ऐसे मत खेल
वरना तू सिर्फ़ पत्थर ही कहलायेगा
फ़िर कोई तेरे दर पे
सर झुकाने भी नही आएगा
Saturday, April 18, 2009
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ho sakta hai khuda pariksha le raha ho aur ham samajh hi nahi paaye....achchhi rachna...
ReplyDeleteHaan Shayad aisa hi hoga lekin eeshwar itni kathin pareeksha kyon leta hai ki logon ka vishwaas hi uth jaaye us par se.
ReplyDeleteसुन्दर रचना.दर असल अब ईश्वर खुद पाप करने वालों से डरने लगा है,शायद इसीलिये वह उससे डरने वालों पर ही दादागिरी दिखा पाता है.
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