Saturday, April 11, 2009

ये हसीं वादियाँ (कॉलेज का पहला दिन)

जून २९ २००७, भोर के ४ बजे उनींदी अलसाई आँखे खुलीं एक छोटे से स्टेशन पर जिसका नाम वारंगल था.......हाँ वही वारंगल जो NIT के लिए प्रसिद्ध है.....अब अगले दो साल के लिए वारंगल ही मेरा बसेरा बनने वाला था यहाँ मुझे ITM Business School में MBA में प्रवेश मिला था स्टेशन से बाहर निकलते ही मेरी नजर पड़ी मेरा स्वागत करती ऊँची ऊँची चट्टानों पर.....वाह क्या द्रश्य था .....स्टेशन से कॉलेज का सफर भी सुहाना ही कह सकते हैं ...ठीक थक शहर पर शहर की भाग दौड़ नहीकितनी शान्ति .....अरे तभी तो वारंगल शिक्षा का प्रमुख केन्द्र है आंध्र प्रदेश का ....तो बैग उठाये पहुंचे अपने कॉलेज
कॉलेज देख के लगा किसी गुरुकुल में आ गए हैं ... कितनी हरियाली और सुकून.... वरना अधिकतर MBA कॉलेज तो college कम शौपिंग मॉल ज्यादा लगते हैं वारंगल में २ साल के बहुत से खट्टे मीठे संस्मरण हैं जिन्हें सुनाता रहूँगा.....

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